हम बेरोजगार क्यों है | Why are we unemployed? What is the reason for unemployment.
भारतीय शिक्षा के बाद की जाए, तो यहां की सरकार( लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा) और पूंजीपति लोग राजनीति के चक्कर में भारतीय शिक्षा को मजाक बनाकर रख दिए है, यह 100% सच है,
आप लोगों को हम बता दें, कि यहां की राजनीति इतनी गंदी है, शिक्षा से भी मजाक कर रहे हैं, और आप लोग जानते हैं की शिक्षा से मजाक यानी खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के जीवन से मजाक करना है, आप लोगों को बता देगी राजनीति के चक्कर में बिहार बोर्ड में( दसवीं कक्षा) में अंग्रेजी विषय का नंबर भी नहीं जोड़ा जाता है,
अब आप खुद सोच सकते हैं, की अंग्रेजी विषय का नंबर क्यों नहीं जोड़ा जाता है, हम बताते हैं अंग्रेजी विषय का नंबर इसलिए नहीं जोड़ा जाता है, कि बिहार के बच्चे (खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के) अंग्रेजी विषय नहीं पढ़ लिख सके | क्योंकि
उसे कोई भी अच्छी नौकरी तथा अच्छे काम ना मिले | आप सबको बता दें के इंडिया में भी अच्छी कंपनी में काम करने के लिए अंग्रेजी जानना बहुत अनिवार्य है, और आप सभी यह भी जानते होंगे कि जब इंडिया से बाहर जाते हैं तो उसके लिए अंग्रेजी विषय का कितना महत्व है,
ग्रामीण स्तर के बच्चों का बेरोजगारी का मुख्य कारण नीच स्तर का शिक्षा है,इतना ही नहीं इसका जिम्मेवार सभी देश के सरकार के साथ-साथ सभी देश के प्रत्येक नागरिक जो पढ़े लिखे हैं, और अंग्रेजी विषय का महत्व भी समझते हैं | हमें लगता है कि भारतीय सरकार और पढ़े लिखे लोग यह नहीं चाहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी आगे बढ़े और देश के साथ-साथ पूरे विश्व का नाम रोशन करें| और यह भ्रम में सरकार और अमीर लोग जो पढ़े-लिखे हैं, जो अपने आप को जीनियस समझते हैं, उन्हें यह नहीं पता है कि ज्यादातर जीनियस ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग ही होते हैं और इसका इतिहास भी गवाह है|
जैसे: स्वामी विवेकानंद, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, आर्यभट्ट जैसे अनेकों जीनियस का जन्म ग्रामीण क्षेत्र में हुआ था| और अमीर लोग यह सोच कर जी रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को नीचा स्तर का शिक्षा देखकर उससे हमेशा नीचे ही रहने दे | मगर हमारी सरकार और पूंजीपति लोग यह भूल गए की नीच स्तर के बच्चों को बस तिनके की सहारा की जरूरत है, और उसे थोड़ा सा भी अगर सहारा मिल गया | तो वह भी आसमान छू सकता है, और यह सब शुरू हो गया है, अब धीरे-धीरे गरीब परिवार के बच्चे भी आईएएस, आईपीएस, आईएएस, कलेक्टर बनने लगे हैं, और वह दिन दूर नहीं जिस दिन नीच स्तर के लोग यानी गांव के लोग मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति होंगे|
जिस दिन गांव के लोग पीएम, सीएम और डीएम बन गए, और वे सचमुच ईमानदारी के साथ काम करने लगेंगे, उस दिन ग्रामीण क्षेत्रों के लोग गर्व से कह सकते हैं, की अब देश का नहीं बल्कि पूरे विश्व का विकास होगा |
और हमसब लोग कहेंगे देश नहीं बल्कि पूरा विश्व बदल रहा है |
और यह सब जल्द ही होने वाला भी है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सिर्फ रास्ता बताने की जरूरत होती है, उन्हें चलना खुद आता है |